Solar Eclipse |
- इस साल यानी 2020 रविवार, 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 10:13 से शुरू होगा। दोपहर 12बजकर 02 मिनट पर ग्रहण चरम सीमा पर होगा और इसका समाप्ती 3 बजकर 5 मिनट में होगा।
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं--
1. वलयाकार सूर्य ग्रहण-- वलयाकार सूर्य ग्रहण वह होता है जब चांद सूरज को इस प्रकार से ढक ले। सूर्य वलयाकार दिखाई दे यानी बीच से ढका हुआ और उसके किनारे से थोड़ी सी रश्मि बाहर निकलती हुई दिखाई देती है।
2. पूर्ण सूर्य ग्रहण-- जब चंद्रमा सूर्य को पूरा तरह से ढक लेता है और पूरी अंधेरा छा जाती है तब उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण केहते हैं।
3. खंड या आंशिक सूर्य ग्रहण-- जब चंद्रमा सूर्य को पूरा तरह से ढक ना पाए तब उसे खंड या आशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। विश्व में बहुत जगह सूर्य ग्रहण दिखाई देती है।
तो इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार के रूप में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण पूरा भारत में दिखाई देगा। वैज्ञानिक के माने तो यह सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जिसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आता है। जिस कारण सूर्य का पूर्ण रश्मि पृथ्वी पर नहीं आती है और थोड़ा अंधेरा हो जाता है इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल इस बार 20 जून को रात 10:05 से शुरू हो जाएगी, जो ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगी। सूतक काल यानी इस दौरान किसी भी तरह की शुभ कार्य,धार्मिक आयोजन,पूजा पाठ नहीं कर सकते। यहां तक की मंदिर का फाटक बंद हो कर दिया जाता है जिसे सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव भगवान तक पहुंच नहीं पाए।सूतक काल के समय राहु सूर्य और चंद्रमा पर हावी हो जाता है।माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक उर्जा हावी रहती है। यह बहुत अशुभ होता है।
सूर्य ग्रहण के समय क्या-क्या ना करें--- अब कीसी प्रकार की शुभकाम ना करें,गर्भवती महिला घर से ना निकले, खानपान बना नहीं सकते, खुली आंखों से सूर्य को ना दैखे इससे आपकी आखें खराब हो सकतीी हैं , सभी लोग घर मेंं ही रहे।
सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद क्या क्या करें-- आप अपने घर को अच्छी तरह से साफ करें। स्नान करें। देवी देवताओंं के मंदिरों को साफ करें और उसमें गंगाजल छीटेे।
Morning pic |
राशियों पर भी पड़ेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव
मेष- राशि से तीसरे स्थान पर ग्रहण होगा अतः सामान्य फल देने वाला रहेगा। मेहनत के अनुसार सफलता मिलेगी।
वृषभ- राशि से दूसरे स्थान पर ग्रहण हो रहा है। आपको सतर्क रहना होगा और वानी पर कंट्रोल रखे।
मिथुन- इस राशि में ही ग्रहण का दुष्प्रभाव पड़ेगा। आपको धैर्य और संयम बनाए रखना होगा और संभलकर काम करें। वरना हानि हो सकती है।
कर्क- द्वादश राशि में ग्रहण होगा। आपको स्वयं पर काबू रखे। खर्च की अधिकता होगी।
सिंह- एकादश स्थान पर ग्रहण होगा। अभी किसी को उधार न दे। आय में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं।
कन्या- दशम स्थान पर ग्रहण होने से ब्यस्तता रहेगी। पिता की मदद से लाभ मिल सकता है।
तुला- नवम भाव में ग्रहण होने सेे इसके दूर प्रभाव भाग्य में रुकावट उत्पन्न करेगा। कार्य में देरी हो सकती है। संभल कर कार्य करें।
वृश्चिक- अष्टम स्थान पर ग्रहण होने से सावधान रहने का समय है। वाहन, ऊंचाई और बिजली से सचेत रहना होगा नहीं तो हानी होगी।
धनु- सप्तम भाव में ग्रहण होने वाला है। साथियों से तनाव हो सकता है। सोच-समझकर काम करें, अन्यथा हानि के योग हैं।
मकर- षष्ठम स्थान पर ग्रहण हो रहा है। रोजगार में नुकसान हो सकता है। शत्रुओं की वृद्धि होगी।
कुंभ- आपके लिए पंचम स्थान पर ग्रहण होगा। संतान से सुख और सहयोग मिलेगा। धन लाभ मिल सकता है।
मीन- चतुर्थ स्थान पर ग्रहण होने से चिंता में वृद्धि होगी। कार्य की अधिकता रहेगी। लापरवाही से बचना होगा।
नोट: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। rksstory.blogspot.com इस लेख में दी गई जानकारी की वैज्ञानिक प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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