शनिवार, 27 जून 2020

Raksha Bandhan 2020- रक्षा बंधन 2020

Raksha Bandhan 2020, रक्षाबंधन पर निबंध
Rakshabandhan 
रक्षा बंधन 2020,कब है रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त:-रक्षाबंधन पूरे भारतवर्ष में मनाई जाती है। यह एक ऐसा उत्सव जो सारे धर्मों के लोग मनाते हैं। इस दिन कलाई में रक्षा सूत्र बांधने की परंपरा चली आ रही है।यह उत्सव भाई बहनों का है।इस दिन बहन अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती हैं और भाई उसके रक्षा करने का वचन देते हैं। यह उत्सव सावन महीने में मनाई जाती है।इस साल यानी 2020 में रक्षा बंधन 3 अगस्त(August) को मनाई जाएगी। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 9:30 से शुरू होकर 21:14 तक रहेगा। रक्षाबंधन पर बहुत सारी कथाएं हैं,चलिए जानते हैं रक्षाबंधन कहां से शुरू हुआ यानी रक्षाबंधन की कहानी:-

1. कृष्णा और द्रोपदी
कहा जाता है कि एक दिन एक सभा मे श्रीकृष्ण का उंगली कट कर थोड़ा खून बह गया था। तब द्रोपदी ने अपने सारी के आंचल से फाड़ कर उनका उंगली बांधा था। ऐसा माना जाता है कि उस दिन सावन पूर्णिमा था। उसी वक्त कृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि समय आने पर एक एक धागे का मोल चुकाएंगे। बहुत समय बीत जाने के बाद एक दिन द्रोपदी के पति(पांचो पांडव) चौसर के खेल में पांडवों ने कौरवों से अपने धन संपत्ति के साथ अपनी पत्नी को भी हार गए। तब भरी सभा में कौरवों ने द्रोपदी चिर हरण करने लगा। श्री कृष्ण ने अपने वादे के अनुसार अपनी बहन की लाज बचाई, रक्षाबंधन के धर्म निभाई।
2. हुमायूं ने रखी करनावती केे राखी का लाज-
Raksha Bandhan 2020,रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, रक्षाबंधन पर निबंध
Raja humayun 

मंगलवार, 23 जून 2020

GANESH CHATURTHI 2020- गणेश चतुर्थी 2020


GANESH CHATURTHI 2020- गणेश चतुर्थी 2020,Sankashti chaturthi
Sri Ganesh
GANESH CHATURTHI 2020:-गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। जो भाद्रपद के शुक्ल चतुर्थी के पूरे भारतवर्ष में मनाई जाती है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में इसकी तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है और बड़ी धूमधाम से मनाई जाती हैं। मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र के घरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित किया जाता है और गाजे बाजे के साथ 9 दिनों तक पूजा-पाठ करते हैं।10 वे दिन उनकी प्रतिमा को जल में विसर्जन कर दिया जाता है।
GANESH CHATURTHI 2020
*गणेश चतुर्थी आरम्भ 22 अगस्त 2020. शुभ मुहूर्त :-11:11 A. M. से 01:39 P. M. तक रहेगा*
*मूर्ति विसर्जन:- सितंबर 1, 2020 को 9:38 a.m. बजे*

  मुंबई के लालबाग के राजा बहुत प्रसिद्ध है। बॉलीवुड के सितारे यहां आकर भगवान गणपति बप्पा का दर्शन करते हैं।यहां की प्रतिमा सभी गणेश मूर्तियों में सबसे लंबी होती है।

शनिवार, 20 जून 2020

Solar Eclipse 21 June 2020

Solar Eclipse 21 June 2020, सूर्य ग्रहण,
Solar Eclipse 
Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण तारीख और समय-- 
  • इस साल यानी 2020 रविवार, 21 जून को सूर्य ग्रहण सुबह 10:13 से शुरू होगा। दोपहर 12बजकर 02 मिनट पर ग्रहण  चरम सीमा पर होगा और इसका समाप्ती 3 बजकर 5 मिनट में होगा। 

सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं--
1. वलयाकार सूर्य ग्रहण-- वलयाकार सूर्य ग्रहण वह होता है जब चांद सूरज को इस प्रकार से ढक ले। सूर्य वलयाकार दिखाई दे यानी बीच से ढका हुआ और उसके किनारे से थोड़ी सी रश्मि बाहर निकलती हुई दिखाई देती है। 
2. पूर्ण सूर्य ग्रहण-- जब चंद्रमा सूर्य को पूरा तरह से ढक लेता है और पूरी अंधेरा छा जाती है तब उसे पूर्ण सूर्य ग्रहण केहते  हैं। 
3. खंड या आंशिक सूर्य ग्रहण-- जब चंद्रमा सूर्य को पूरा तरह से ढक ना पाए तब उसे खंड या आशिक सूर्यग्रहण कहते हैं। विश्व में बहुत जगह सूर्य ग्रहण दिखाई देती है। 
तो इस बार का सूर्य ग्रहण वलयाकार के रूप में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण पूरा भारत में दिखाई देगा। वैज्ञानिक के माने तो यह सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। जिसमें सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आता है। जिस कारण सूर्य का पूर्ण रश्मि पृथ्वी पर नहीं आती है और थोड़ा अंधेरा हो जाता है इसे सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। सूतक काल इस बार 20 जून को रात 10:05 से शुरू हो जाएगी, जो ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगी। सूतक काल यानी इस दौरान किसी भी तरह की शुभ कार्य,धार्मिक आयोजन,पूजा पाठ नहीं कर सकते। यहां तक की मंदिर का फाटक बंद हो कर दिया जाता है जिसे सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव भगवान तक पहुंच नहीं पाए।सूतक काल के समय राहु सूर्य और चंद्रमा पर हावी हो जाता है।माना जाता है कि ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक उर्जा हावी रहती है। यह बहुत अशुभ होता है। 
सूर्य ग्रहण के समय क्या-क्या ना करें--- अब कीसी प्रकार की शुभकाम ना करें,गर्भवती महिला घर से ना निकले, खानपान बना नहीं सकते, खुली आंखों से सूर्य को ना दैखे इससे आपकी आखें खराब हो सकतीी हैं , सभी लोग घर मेंं ही रहे।
सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद क्या क्या करें-- आप अपने घर को अच्छी तरह से साफ करें। स्नान करें। देवी देवताओंं के मंदिरों को साफ करें और उसमें गंगाजल  छीटेे।
Solar Eclipse 21 June 2020, fresh morning, good morning
Morning pic
राशियों पर भी पड़ेगा सूर्य ग्रहण का प्रभाव
मेष- राशि से तीसरे स्थान पर ग्रहण होगा अतः सामान्य फल देने वाला रहेगा। मेहनत के अनुसार सफलता मिलेगी। 
वृषभ- राशि से दूसरे स्थान पर ग्रहण हो रहा है। आपको सतर्क रहना होगा और वानी पर कंट्रोल रखे। 
मिथुन- इस राशि में ही ग्रहण का दुष्प्रभाव पड़ेगा। आपको धैर्य और संयम बनाए रखना होगा और संभलकर काम करें। वरना हानि हो सकती है।
कर्क- द्वादश राशि में ग्रहण होगा। आपको स्वयं पर काबू रखे। खर्च की अधिकता होगी। 
सिंह- एकादश स्थान पर ग्रहण होगा। अभी किसी को उधार न दे। आय में बढ़ोतरी के योग बन सकते हैं। 
कन्या- दशम स्थान पर ग्रहण होने से ब्यस्तता रहेगी। पिता की मदद से लाभ मिल सकता है।
तुला- नवम भाव में ग्रहण होने सेे इसके दूर प्रभाव भाग्य में रुकावट उत्पन्न करेगा। कार्य में देरी हो सकती है। संभल कर कार्य करें। 
वृश्चिक- अष्टम स्थान पर ग्रहण होने से सावधान रहने का समय है। वाहन, ऊंचाई और बिजली से सचेत रहना होगा नहीं तो हानी होगी। 
धनु- सप्तम भाव में ग्रहण होने वाला है। साथियों से तनाव हो सकता है। सोच-समझकर काम करें, अन्यथा हानि के योग हैं।
मकर- षष्ठम स्थान पर ग्रहण हो रहा है। रोजगार में नुकसान हो सकता है। शत्रुओं की वृद्धि होगी।
कुंभ- आपके लिए पंचम स्थान पर ग्रहण होगा। संतान से सुख और सहयोग मिलेगा। धन लाभ मिल सकता है।
मीन- चतुर्थ स्थान पर ग्रहण होने से चिंता में वृद्धि होगी। कार्य की अधिकता रहेगी। लापरवाही से बचना होगा।
नोट: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। rksstory.blogspot.com इस लेख में दी गई जानकारी की वैज्ञानिक प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

गुरुवार, 18 जून 2020

Happy father's day 2020,happy father's day status

Happy father's day 2020,happy father's day status
Father's day 
Happy father's day 2020 :-अपने पिता से तो सभी प्यार करते हैं, वह चाहे  गरीब हो या धनी, इसलिए साल में एक दिन पिताजी का स्पेशल डे होता है जिसको हम फादर्स डे कहते हैं। इस दिन बच्चे अपने पिताजी के लिए कुछ स्पेशल करते हैं।
 पिता का अपने बच्चों की जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसे अमूल्य योगदान के महत्व को पहचानने के लिए फादर्स डे मनाते हैं। भारत में हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है, इस बार 2020 में फादर्स डे 21 जून को मनाया जाएगा। पिता के साथ उनकी बातें सीखे दिलों दिमाग में हमेशा बसी रहती है जो जीवन की डगर पर सही ढंग से चलना सिखाता है और ऐसी राहे बनाता है जो हमें सफलता की ओर आगे बढ़ाता है। पिता की कहीं छोटी छोटी सी बातों में बरी बरी नसीहत छुपी रहती है।अपने माता-पिता से रिश्ते निभाना सीखते हैं बच्चे।पापा से पूछी गई हर अजीबो गरीबों सवालों का जवाब देते हैं, जैसे पर्वत इतनी ऊंची क्यों है? हवाई जहाज कैसे उड़ता है? समुद्र में पानी कहां से आता है? चिड़िया क्यों उड़ती है? और सारे सवालों पर मुस्कुराते और प्यार से जवाब देते हैं और बच्चों की सारी जिज्ञासाओं को शांत करते हैं। अगर पिताजी की कंपनी का नुकसान हो गया या सैलरी बंद हो गया हो तब भी पिताजी अपने परिवार में किसी  भी परेशानी को नहीं आने देते और अपने बच्चों की शिक्षा और खानपान में कभी कमी नहीं होने देते। मुश्किल घड़ी का सामना डट कर करना पापा ही सिखाते है, पापा सिर्फ धैर्यशिलता ही नहीं कभी न हारने का हौसला भी सिखाते हैं। 
कहते हैं कि पिता बाहर से कितने भी कठोर क्यों ना हो अपने दिल से कभी कठोर नहीं होते हैं। उनका मन हमेशा ही कोमल रहता है। खासकर बेटियों को लेकर वह अपने बेटियों की राजकुमारी के तरह रखते हैं
  अपने बेटियों को इस तरह के सिख देते हैं जिससे उसकी शादी के बाद स्वयं के साथ अपने पूरे परिवार को खुुश और एक जुट रखती है। पिता अपने बच्चों के लिए कितना कुछ करते हैं इसी करन उनके बच्चे शुक्रिया अदा करनेेेे के लिए फादर्स डे मनातेे हैंं।
Happy father's day 2020,happy father's day status, father's quotes
Father's day 2020 

शुक्रवार, 12 जून 2020

Rongali Bihu 2020,Bohag bihu

Rongali Bihu 2020,Bohag bihu, bihu2020
Bihu-dance
Rongali Bihu 2020,Date:-भारतवर्ष में बहुत सारे राज्य है और इसीलिए यहाँ बिभिन्न प्रकार के पर्व मनाए जाते हैं।उनमें से एक राज्य असम भी है जहां बिहू मनाई जाती है। बांग्ला कैलेंडर के अनुसार कैलेंडर की शुरुआत के साथ ही इसका आरंभ हो जाता है शुरूआत के साथी वाले बिहू को बिषुब संक्रांति कहते हैं दूसरी बार वाले को पूष संक्राति तो तीसरे बार इसे कार्तिक महीने में मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल महीने में मनाए जाने वाले बिहू को रोंगाली बिहू और बोहाग बिहू कहते हैं, वहीं अक्टूबर में मनाए जाने वाली बिहू को कंगाली और काती बिहू काहा जाता है और और जनवरी में मनाए जाने वाले बिहू भूगाली और माघ बिहू के नाम से जाना जाता है। तीनों बिहू में से रोंगाली बिहू सबसे महत्वपूर्ण होती है। इस बार यानी 2020 में रंगाली बिहू या बोहाग बिहू 14 April को मनाया जाएगा।संक्षेप में रोंगाली बिहू के बारे में जानते हैं...
रंगाली बिहू 
       भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है। जहां फसल कटाई की खुशी में लोग इसे मनाते हैं। असम के अलावा बहुत सारे जगहों पर मनाए जाते जैसे उड़ीसा, पंजाब नेपाल, तमिल नाडु एंड केरला में भी मनाई जाती है। बिहू के समय असम के प्राकृतिक दृश्य बहुत मनोरम होता है और चारों तरफ हरियाली छाई रहती है, मानो की प्रकृति भी झूम उठी है, खुशियां मना रही है।बिहू असमिया लोगों का एक उत्सव है, बिहू शब्द दिमासा लोगों की भाषा से लिया गया है जो कि प्राचीन काल से एक कृषि समुदाय से है। यह तो हर अप्रैल के महीने से शुरू होता है उस दिन घरों में विशेष पीठा, तील के लड्डू और नारियल के लड्डू बनाए जाते हैं। बिहू के पहले दिन गाय की पूजा होती है सुबह-सुबह नदी में ले जाकर उसे स्नान कराया जाता है नहलाने के लिए कच्चे हल्दी और कालई दाल के इस्तेमाल के करते हैं। उसके बाद वह मच्छर हटाने के लिए औषधि वाले पौधे को धूआ करते हैं।गाय को नए रस्सी से बांध ते हैं और गाय की पूजा करते हैं.।
Rongali Bihu 2020,Bohag bihu, bihu in assam
Bihu-assam

रविवार, 7 जून 2020

दशहरा 2020-विजयदशमी पर्व और मुहूर्त


दशहरा 2020-विजयदशमी पर्व और मुहूर्त
Dussehra in India 

दशहरा 2020-विजयदशमी पर्व और मुहूर्त:- इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं (जैसे अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, बीज बोना आदि)। इस साल यानी 2020 में दशहरा 25 अक्टूबर को आरंभ होगा।दशमी शुभ मुहूर्त 25 अक्टूबर सुबह 7:41 और समाप्त 26 अक्टूबर सुबह 8:59 मिनट पर। ऐसा विश्वास है कि दशहरा के दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं रामलीला का आयोजन होता है रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है।। दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा शक्ति पूजा के रूप में दोनों ही रूपों में यह शक्ति पूजा का पर्व है शस्त्र पूजन की तिथि है ॥हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है भारतीय संस्कृत वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है॥ व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है।। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।
दशहरा 2020-विजयदशमी पर्व और मुहूर्त

CHRISTMAS(ESSAY)

Christmas is the season of joy, peace, and happiness. It is the special season set aside to celebrate the birth of Jesus Christ on 25th December. Though this was its original purpose, the celebration of Christmas has grown to become a symbolic time for living in peace and love.
Usually, the celebration begins much before the main day and continues for around 15 days after that. People celebrate Christmas to honor the birth of Jesus Christ. Religious people go to church and light the candles to pray to their God Jesus Christ.
A festival that is equally loved and cherished by adults and kids. People also bring a Christmas tree to their homes and decorate it with colorful balls, star, ribbons, and red socks. Market shops and showrooms display a theme of glittering red and white colors to set up the Christmas mood.
On Christmas night, folks enjoy a big feast and share gifts with each other. Homemade traditional plum cakes, cupcakes, and muffins are the special treats on Christmas. Kids are showered with lots of presents and new dresses. They also get to meet the ‘Santa Claus’, dressed in a white costume and fullfly red, who greets them with hugs and gifts.On this day, people remember Jesus Christ and his lessons of life. The festival definitely teaches us to practice kindness and love toward each other and help those who have less than us.
CHRISTMAS(ESSAY), Majedar story, news & jokes
CHRISTMAS(ESSAY)

Anniversary

          मौसा मौसी की जोड़ी कभी ना टूटे,
        खुदा करे आप एक दूजे से कभी न रूठे
यूंही ही                      यूंही एक होकर ऐ🤗😘 💞  जिंदगी कटे
     आप दोनों से खुशियों के एक पल भी न छूटे।
      मुबारक हो आपको शादी का सालगिरहा    
          Happy Anniversary 🌹😘
Anniversary, Marriage day
Sweet hurt

Diwali 2020- दीपावली 2020 कब है

Diwali 2020- दीपावली 2020 कब है
Diwali-2020
Diwali 2020-दीपावली 2020 की तारीख और मुहूर्त :- दीपावली मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं की मान्यताएं हैं।सभी देशों मे और देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के तरीकों में भी विभिन्नता पाई जाती हैं।दिपावली, बूराई पर आच्छाई की जीत को दर्शाता हैं। चाहे बूराई कितनि भी बरी क्यो न हो पर उसपे आच्छाई की जीत होती है।दीपावली से हमें यही सिख और संदेश मिलती हैं कि हमेशा अच्छाई और सच्चाई के रस्ते पर चलो चाहे रास्ते कितनी मूशकिल क्यो न हो जीत तूम्हारी होगी। इस साले यानी2020 में दीपावली शनिवार 14 नवंबर। दीपावली लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 17:30 मिनट से 19:26 मिनट तक। दिवाली क्यों मनाई जाती है, चलीय अब कहानी के माध्यम से जानते हैं... 
(1) राम अयोध्या लौटे थे
माना जाता है कि भगवान राम को जब वनवास जाने को कहा गया था सभी नागरिक बड़ी दुखी हुए थे और जब भगवान राम वनवास गए थे तभी उनकी पत्नी सीता को रावण ने अपहरण कर लिया था।तब उन्होंने रावण को हराकर और सीता को बचाकर,आपनी चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो, नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया और यहां से ही भारतवर्ष में दिवाली के त्योहार का आरंम्भ हो जाता है।
Diwali 2020- दीपावली 2020 कब है
Ram&Sita
2- हिरण्यकश्यप का वध
एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने अपने भक्त पहलाद को बचाने के लिए नरसिंह रूप का धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था और हिरण्यकश्यप जैसे दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दीये जलाकर दिवाली मनाई थी।
Diwali 2020- दीपावली 2020 कब है
Lord Narsingha

गुरुवार, 4 जून 2020

चंद्र ग्रहण 5 june 2020

चंद्र ग्रहण शुरू होगा। ज्योतिष गणना के अनुसार यह चंद्र ग्रहण 05 जून रात 11:15 बजे से शुरू होगा, 06 जून 02:34 बजे तक दिखेगा। अबकी बार का चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठ नक्षत्र में लगेगा, यानी राशियों पर भी पड़ सकता है इसका प्रभाव।इसी कारण ज्योतिषियों की नजर रहेगी।
चंद्र ग्रहण, lunar eclipse
Lunar eclipse 

देशभर में कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण _
अबकी बार का यह चंद्र ग्रहण एशिया, ऑस्ट्रेलिया,  अफ्रीका और यूरोप में दिखाई देगा। यह कूछ पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जिसमें आमतौर पर एक पूर्ण चंद्रम से अंतर करना थूरा मुश्किल हो सकता है। यह चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 18 मिनट होगी।5 जून को रात 11:15 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और रात 12:54 बजे सबसे ज्यादा इसका असर दिखाई देगा। 06 जून 02:34 बजे समाप्त हो जाएगा.

चंद्रग्रहण के दौरान सेहत से जुड़ी सावधानियां. 🌃Health Related Precautions During Lunar Eclipse🙏

ग्रहण के दौरान कुछ लोग उपवास में विश्वास करते हैं, जबकि कुछ लोग किसी भी तरह के घरेलू काम से बचने की सलाह देते है। तो आइये जानते हैं सेहत से जुड़ी कौन-कौन सी सावधानियां आपको करनी चाहिए ग्रहण के दौरान कोई बड़ी सावधानी नहीं है, लेकिन आयुर्वेद की दृष्टिकोण से ग्रहण से दो घंटे पहले आसानी से पचने वाला हालका भोजन खाने की सलाह देती है।ग्रहण के दौरान कुछ भी न पीएं और ना ही खाए। जो भी भोजन आप ग्रहण से पहले खाते हैं उसमें आप हल्दी भी डाल दे(optional) है।और भी सलाह दी जाती है कि ग्रहण से दो घंटे पहले खूब पानी पी सकते हैं या तुलसी की चाय भी पी सकते हैं। वैज्ञानिक रूप से, इन सावधानियों का कोई पता नहीं चला है। 

क्या खुली आंखों से ग्रहण देख सकते हैं?? 

चंद्र ग्रहण के दौरान चांद को खुली आंखों यानी सीधे आंखों से देखने से किसी प्रकार की आपकी आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाता, एक्सपर्ट्स कहते हैं। जबकि, सूर्य ग्रहण को खोली आंखों से देखने पर आपकी आंखों को नुकसान पहुंचाता है, इसे सौर रेटिनोपैथी कहा जाता है। कभी भी नंगी आंखों से ग्रहण न देखें इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। सूर्यग्रहण को खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों से देखें। इन्हें सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस भी कहा जाता। आपके सिमपल चश्मे या गॉगल्स आंखों को यूवी रेज़ से सुरक्षित नहीं रख सकते। 

नोट: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। rksstory.blogspot.com इस लेख में दी गई जानकारी की वैज्ञानिक प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

                             



Hartalika Teej 2020 Date

शिव-पार्वती  Hartalika Teej 2020 Date:- भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत (Hartalika Teej 2020 Date) कीया ज...