Diwali-2020 |
(1) राम अयोध्या लौटे थे
माना जाता है कि भगवान राम को जब वनवास जाने को कहा गया था सभी नागरिक बड़ी दुखी हुए थे और जब भगवान राम वनवास गए थे तभी उनकी पत्नी सीता को रावण ने अपहरण कर लिया था।तब उन्होंने रावण को हराकर और सीता को बचाकर,आपनी चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो, नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया और यहां से ही भारतवर्ष में दिवाली के त्योहार का आरंम्भ हो जाता है।
माना जाता है कि भगवान राम को जब वनवास जाने को कहा गया था सभी नागरिक बड़ी दुखी हुए थे और जब भगवान राम वनवास गए थे तभी उनकी पत्नी सीता को रावण ने अपहरण कर लिया था।तब उन्होंने रावण को हराकर और सीता को बचाकर,आपनी चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे तो, नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को रोशनी से सजा दिया और यहां से ही भारतवर्ष में दिवाली के त्योहार का आरंम्भ हो जाता है।
Ram&Sita
2- हिरण्यकश्यप का वध
एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने अपने भक्त पहलाद को बचाने के लिए नरसिंह रूप का धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था और हिरण्यकश्यप जैसे दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दीये जलाकर दिवाली मनाई थी।
3- कृष्ण ने नरकासुर का वध किया
एक पौराणिक कथा के अनुसार विष्णु ने अपने भक्त पहलाद को बचाने के लिए नरसिंह रूप का धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था और हिरण्यकश्यप जैसे दैत्यराज की मृत्यु पर प्रजा ने घी के दीये जलाकर दिवाली मनाई थी।
Lord Narsingha |
माना जाता है कि कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध दीपावली के एक दिन पहले चतुर्दशी को किया था और गोकुल वासियों को नरकासुर जैसे अत्याचारी से बचाया था इसी खुशी में अगले दिन अमावस्या को गोकुलवासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं।
Killing Narakasura |
4-शक्ति ने लिया मां काली का रूप
राक्षसों को अत्याचार बढ गया था तभी शक्ति ने क्रोध में मां काली का रूप धारण कर राक्षसों का वध करने के बाद भी जब महाकाली का क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। भगवान शिव के शरीर स्पर्शमात्र से ही देवी महाकाली का क्रोध तुरंत ही समाप्त हो गया। इसी की याद में उनके शांत रूप मां लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्ररूप मां काली की पूजा का भी विधान आरंम्भ होआ।MA kali |
5. प्रकट हुए लक्ष्मी, धन्वंतरि व कुबेर
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार दीपावली के दिन ही मां लक्ष्मी दूध के सागर जिसे केसर सागर के नाम से जाना जाता है,उस से उत्पन्न हुई थीं। साथ ही समुद्र मन्थन से आरोग्यदेव धन्वंतरि और भगवान कुबेर भी प्रकट हुए थे। इसीलिए दिवाली के दिन धन की देवी महालक्ष्मी की पूजा होती है।
कुबेर लक्ष्मी |
दीपावली की तैयारी
दीपावली की तैयारी हम कुछ दिन पहले से ही करने लगते है। हम पूरें घर में साफ़ -सफाई करते है तथा घर की पुताई( रंग लगाना) करते हैं ते हैं। जिससे घर सुंदर और साफ़ दिखे |
दीपावली त्यौहार की अवधि
यह त्यौहार पाँच दिनो का होता है धनतेरस, नरक चतुर्दशी, अमावस्या, कार्तिक सुधा पधमी, भाई दूज।धनतेरस दीपावली का प्रथम दिन है, इसमें घर के लिए नयी वस्तुओं को खरीदा जाता है इस दिन दुकानों में भीड़ लगी रहती है तथा भाई दूज दीपावली का अंतिम दिन है, यह बहन और भाई का उत्सव है | इस दिन बहन अपने भाई के लिए उपवास रखती है और पूजा-पाठ करती है।
दीपावली का त्यौहार मनाना
दीपावली वाले दिन सुबह से ही लोग अपने घर को लाइटों और रंगोली से सजाते हैं और शाम के समय लक्ष्मी-गणेश की पूजा आरती की जाती है। इस पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर मिठाई और उपहार का आदान-प्रदान करते है, सभी लोग अपने बड़ों से आशीर्वाद लेते है, घर में दिए जलाते हैं और चारों तरफ रोशनी ही रोशनी दिखाई देती है और बच्चे पटाखे छुड़ाते है, पूरा आसमान आतिशबाजी से भर जाता है |उसके बाद सभीलोग पकवान का आनंद लेते है | घर पर माता जी घर में रंगोली बनाती है, इसके अतिरिक्त वह नयी और आकर्षक मिठाईयॉ, नये व्यंजन जैसे गुँजिया, लड्डू, गुलाब जामुन, जलेबी, पेडे और अन्य तरह के व्यजंन बनाती है, जिसका पूरा परिवार आनंद से खाते हैं और खुशियां मनाते हैं।यह रौशनी का त्यौहार है, जो अंधकार में रोशनी के रूप में विजय का प्रतीक है। दीपावली वास्तव में एक मिलन का त्यौहार है, जिसमे सभी लोग एक साथ एकत्रित होकर खुशियाँ मानते है | भारत में बहुत से लोग अपने घर से दूर रह कर जॉब करते है और इस दीपावली की शुभ अवसर पर वह सभी अपने घर आते है तथा पूरे परिवार के साथ इस त्यौहार को मानते है | इसलिए इसे एक मिलन का पर्व भी कहा जाता है |
यहाँ पर हमनें आपको दीपावली त्यौहार के विषय में बताया है।यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न आ रहा है या इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार करेंगे।
Diwali celebration |
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GREAT ARTICLE MAN, KEEP DOING THE GOOD WORK ! प्यार दुनिया का सबसे प्यारा और शानदार एहसास है। कोई भी भावनाओं को समझा नहीं सकता जब वह प्यार में है। Diwali 2020,2021
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